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हिन्दुस्तान छोड़ दो | इस्मत चुग़ताई

हिन्दुस्तान छोड़ दो | इस्मत चुग़ताई – Hindustaan Chhod Do हिन्दुस्तान छोड़ दो | इस्मत चुग़ताई ‘साहब मर गया जयंतराम ने बाजार से लाए हुए सौदे के साथ यह खबर लाकर दी। ‘साहब- कौन साहब? ‘वह कांटरिया साहब था न? ‘वह काना साहब- जैक्सन। च-च-बेचारा। मैंने खिडकी में से झांक कर देखा। काई लगी पुरानी […]