शरणार्थी | हरिनारायण व्यास शरणार्थी | हरिनारायण व्यास रात-दिन, बारिश, नमी, गर्मीसबेरा-साँझसूरज-चाँद-तारेअजनबी-सबहम पड़े हैं आँख मूँदे, कान खोले।मृत्यु पंखों की विकट आवाज सुन करकौन बोले?इस लिए सब मौन हैं।ये हमारी आँख के पर्दे लदे हैंरुण्ड-मुण्डों के भयानक चित्र से। चीख और पुकार, हाहाकारबेघर-बार जन-जन के रुदन के स्वर भरे हैं कान में।धूम के बादल, लपट […]
Tag: Harinarayan Vyas
Posted inPoems
वर्षा के बाद | हरिनारायण व्यास
Posted inPoems
मुक्ति के आभास | हरिनारायण व्यास
Posted inPoems
नशीला चाँद | हरिनारायण व्यास
Posted inPoems
एक मित्र से | हरिनारायण व्यास
Posted inPoems