आज़ादी |’हफ़ीज़’ जालंधरी आज़ादी |’हफ़ीज़’ जालंधरी शेरों को आज़ादी है आज़ादी के पाबंद रहेंजिसको चाहें चीरें फाड़ें खायें पियें आनंद रहें शाहीं को आज़ादी है आज़ादी से परवाज़ करेनन्ही मुन्नी चिडियों पर जब चाहे मश्क़े-नाज़ करे सांपों को आज़ादी है हर बस्ते घर में बसने कीइनके सर में ज़हर भी है और आदत भी है […]