हत्या-दर-हत्या | गोरख पाण्डेय

हत्या-दर-हत्या | गोरख पाण्डेय

हत्या-दर-हत्या | गोरख पाण्डेय हत्या-दर-हत्या | गोरख पाण्डेय हत्या की खबर फैली हुई हैअखबार पर,पंजाब में हत्याहत्या बिहार मेंलंका में हत्यालीबिया में हत्याबीसवीं सदी हत्या से हो कर जा रही हैअपने अंत की ओरइक्कीसवीं सदीकी सुबहक्या होगा अखबार पर ?खून के धब्बेया कबूतरक्या होगाउन अगले सौ सालों कीशुरुआत परलिखा ?

हे भले आदमियो ! | गोरख पाण्डेय

हे भले आदमियो ! | गोरख पाण्डेय

हे भले आदमियो ! | गोरख पाण्डेय हे भले आदमियो ! | गोरख पाण्डेय डबडबा गई है तारों-भरीशरद से पहले की यहअँधेरी नमरातउतर रही है नींदसपनों के पंख फैलाएछोटे-मोटे हजार दुखों सेजर्जर पंख फैलाएउतर रही है नींदहत्यारों के भी सिरहानेहे भले आदमियो !कब जागोगेऔर हथियारों कोबेमतलब बना दोगे ?हे भले आदमियो !सपने भी सुखी औरआजाद … Read more

सात सुरों में पुकारता है प्यार | गोरख पाण्डेय

सात सुरों में पुकारता है प्यार | गोरख पाण्डेय

सात सुरों में पुकारता है प्यार | गोरख पाण्डेय सात सुरों में पुकारता है प्यार | गोरख पाण्डेय (रामजी राय से एक लोकगीत सुन कर) माँ, मैं जोगी के साथ जाऊँगी जोगी शिरीष तलेमुझे मिला सिर्फ एक बाँसुरी थी उसके हाथ मेंआँखों में आकाश का सपनापैरों में धूल और घाव गाँव-गाँव वन-वनभटकता है जोगीजैसे ढूँढ़ … Read more

समाजवाद | गोरख पाण्डेय

समाजवाद | गोरख पाण्डेय

समाजवाद | गोरख पाण्डेय समाजवाद | गोरख पाण्डेय समाजवाद बबुआ, धीरे-धीरे आईसमाजवाद उनके धीरे-धीरे आई हाथी से आई, घोड़ा से आईअँगरेजी बाजा बजाई नोटवा से आई, बोटवा से आईबिड़ला के घर में समाई गांधी से आई, आँधी से आईटुटही मड़इयो उड़ाई कांगरेस से आई, जनता से आईझंडा से बदली हो आई डालर से आई, रूबल … Read more

समय का पहिया | गोरख पाण्डेय

समय का पहिया | गोरख पाण्डेय

समय का पहिया | गोरख पाण्डेय समय का पहिया | गोरख पाण्डेय समय का पहिया चले रे साथीसमय का पहिया चलेफौलादी घोड़ों की गति से आग बरफ में जले रे साथीसमय का पहिया चलेरात और दिन पल पल छिनआगे बढ़ता जाएतोड़ पुराना नए सिरे सेसब कुछ गढ़ता जाएपर्वत पर्वत धारा फूटे लोहा मोम-सा गले रे … Read more

समझदारों का गीत | गोरख पाण्डेय

समझदारों का गीत | गोरख पाण्डेय

समझदारों का गीत | गोरख पाण्डेय समझदारों का गीत | गोरख पाण्डेय हवा का रुख कैसा है, हम समझते हैंहम उसे पीठ क्यों दे देते हैं, हम समझते हैंहम समझते हैं खून का मतलबपैसे की कीमत हम समझते हैंक्या है पक्ष में विपक्ष में क्या है, हम समझते हैंहम इतना समझते हैंकि समझने से डरते … Read more

वोट | गोरख पाण्डेय

वोट | गोरख पाण्डेय

वोट | गोरख पाण्डेय वोट | गोरख पाण्डेय पहिले-पहिल जब वोट माँगे अइलेतोहके खेतवा दिअइबोओमे फसली उगइबोबजड़ा के रोटिया देई-देई नुनवासोचलीं कि अब त बदली कनुनवाअब जमीनदरवा के पनही न सहबो,अब ना अकारथ बहे पाई खूनवा दुसरे चुनउवा में जब उपरैलें त बोले लगले नातोहके कुँइयाँ खोनइबोसब पियसिया मेटैबोईहवा से उड़ी-उड़ी ऊँहा जब गैलेंसोंचलीं इहवा … Read more

वतन का गीत | गोरख पाण्डेय

वतन का गीत | गोरख पाण्डेय

वतन का गीत | गोरख पाण्डेय वतन का गीत | गोरख पाण्डेय हमारे वतन की नई जिंदगी होनई जिंदगी इक मुकम्मिल खुशी होनया हो गुलिस्ताँ नई बुलबुलें होंमुहब्बत की कोई नई रागिनी होन हो कोई राजा न हो रंक कोईसभी हों बराबर सभी आदमी होंन ही हथकड़ी कोई फसलों को डालेहमारे दिलों की न सौदागरी … Read more

रूमाल | गोरख पाण्डेय

रूमाल | गोरख पाण्डेय

रूमाल | गोरख पाण्डेय रूमाल | गोरख पाण्डेय नीले पीले सफेद चितकबरे लालरखते हैं राम लाल जी कई रूमालवे नहीं जानते किसने इन्हें बुनाजा कर कई दुकानों से खुद इन्हें चुनातह-पर-तह करते खूब सँभाल-सँभालऑफिस जाते जेबों में भर दो-चारहैं नाक रगड़ते इनसे बारंबारजब बॉस डाँटता लेते एक निकालसब्जी को ले कर बीवी पर बिगड़ेंया मुन्ने … Read more

मैना | गोरख पाण्डेय

मैना | गोरख पाण्डेय

मैना | गोरख पाण्डेय मैना | गोरख पाण्डेय एक दिन राजा मरले आसमान में ऊड़त मैनाबान्हि के घरे ले अइले मैना ना एकरे पिछले जनम के करमकइलीं हम सिकार के धरमराजा कहें कुँवर से अब तू लेके खेलऽ मैनादेखऽ कतना सुंदर मैना ना खेले लगले राजकुमारउनके मन में बसल सिकारपहिले पाँखि कतरि के कहले अब … Read more