सपने | बद्रीनारायण

सपने | बद्रीनारायण

सपने | बद्रीनारायण सपने | बद्रीनारायण मुझे मेरे सपनों से बचाओ न जाने किसने डाल दिए ये सपने मेरे भीतरये मुझे भीतर ही भीतर कुतरते जाते हैं ये धीरे-धीरे ध्वस्त करते जाते हैं मेरा व्यक्तित्वये मेरी आदमीयत को परास्त करते जाते हैं ये मुझे डाल देते हैं भोग के उफनते पारावार मेंजो निकलना भी चाहूँ … Read more

विदा | बद्रीनारायण

विदा | बद्रीनारायण

विदा | बद्रीनारायण विदा | बद्रीनारायण पहचान में नहीं आ रहा था किदोनों में से कौन किसकों विदा करने आया हैदोनों अत्यंत आकर्षक थेअत्यंत आधुनिकपर एक बात प्राचीन थीकि दोनों रो रहे थे

मॉर्निंग वॉक | बद्रीनारायण

मॉर्निंग वॉक | बद्रीनारायण

मॉर्निंग वॉक | बद्रीनारायण मॉर्निंग वॉक | बद्रीनारायण आज दिव्य हुआ मॉर्निंग वॉकएक तरफ से अजीम प्रेम जी आ रहे थेदूसरी ओर से इन्फोसिस के मूर्ति नारायणऔर तीसरी तरफ से मैंतीनों मिले शेषाद्रियैय्या पार्क में मैं अपने स्वास्थ्य के लिए चिंतित थावे दोनों अध्यात्म, इन्वेस्टमेंटऔर देश के लिए चिंतित थे काफी गरीबी इस देश की … Read more

माँ का गीत | बद्रीनारायण

माँ का गीत | बद्रीनारायण

माँ का गीत | बद्रीनारायण माँ का गीत | बद्रीनारायण अगर तू सूर्य होतातो दिनभर आसमान में जलता रहताअगर तू चाँद होतातो पूर्णिमा से एकम तकतुझे रोज कसाई के कत्ते सेकटना पड़ताअगर तू तारा होता मेरे लालतो मुझसे कितना दूर होताअच्छा हुआतू बद्रीनारायण हुआ।

महान नायक | बद्रीनारायण

महान नायक | बद्रीनारायण

महान नायक | बद्रीनारायण महान नायक | बद्रीनारायण यह एक अजीब सुबह थीजो लिखना चाहूँ, लिख नहीं पा रहा थाजो सोचना चाहूँ, सोच नहीं पा रहा थासूझ नहीं रहे थे मुझे शब्दकामा, हलंत सब गै़रहाजिर थे। मैंने खोल दिए स्मृतियों के सारे द्वारअपने भीतर के सारे नयन खोल दिएदस द्वार, चौदह भुवन, चौरासी लोकघूम आयाधरती … Read more

मेरी इच्छाएँ | बद्रीनारायण

मेरी इच्छाएँ | बद्रीनारायण

मेरी इच्छाएँ | बद्रीनारायण मेरी इच्छाएँ | बद्रीनारायण पानी, अग्नि, हवाविष और शहद से बनीचाकू के सान सी पजीविजय, दूसरों पर विजय की उन्मत्त कामना से भरीहे मेरी इच्छाएँ।विजय, हर जगह विजय !तुम्हें पता नहींयह दुनिया अजीब रणक्षेत्र हैजिसमें विजयी जीतते ही हारने लगता हैवह आत्मा, मन, चेतना, संवेदनाहारने लगता हैवह भाव और भंगिमाएँ हारने … Read more

मेरे सुग्गे तुम उड़ना | बद्रीनारायण

मेरे सुग्गे तुम उड़ना | बद्रीनारायण

मेरे सुग्गे तुम उड़ना | बद्रीनारायण मेरे सुग्गे तुम उड़ना | बद्रीनारायण दगा है उड़नाधोखा है उड़नाकोई कहे –छल है, कपट है उड़नापर मेरे सुग्गे, तुम उड़नातुम उड़नापिंजड़ा हिलासोने की कटोरी गिराअनार के दाने छींटधूप में करके छेदहवाओं की सिकड़ी बजामेरे सुग्गे, तुम उड़ना।

मत होना उदास | बद्रीनारायण

मत होना उदास | बद्रीनारायण

मत होना उदास | बद्रीनारायण मत होना उदास | बद्रीनारायण कुछ जून ने बुनाकुछ जुलाई नेनदी ने थोड़ा साथ दियाथोड़ा पहाड़ नेबुनने में रस्सी मूँज की। प्रभु की प्रभुताई बाँधी जायेगीयम की चतुराईहाथी का बलसोने-चाँदी का छल बाँधा जायेगाबाँधा जायेगाविषधर का विष कुछ पाप बाँधा जायेगाकुछ झूठ बाँधा जायेगा रीति तुम चुप रहनानीति मत होना … Read more

मछली | बद्रीनारायण

मछली | बद्रीनारायण

मछली | बद्रीनारायण मछली | बद्रीनारायण दुख हुआ जान कर किसूख गया मानिकपुर का तालाबमानिकपुर के तालाब में एक मछली रहती थी नीलीजिससे मेरी खूब दोस्ती थीउसका क्या हुआकुछ का कहना है किजब धूप में सूख कर उड़ रहा था तालाब का पानीतब वह भी सूखती, पटपटाती, भुनती हुईहवा में उड़ी थीजब वह उड़ी थी … Read more

बुढ़िया | बद्रीनारायण

बुढ़िया | बद्रीनारायण

बुढ़िया | बद्रीनारायण बुढ़िया | बद्रीनारायण यह बुढ़ियाउम्र के उस पद पर पहुँच गई हैजहाँ से शाप सकती है दुख कोसुख को कर सकती है यादपत्थर और पानी पहचान सकती है उम्र के इस आसन से व्हइंद्र को शाप सकती हैसूर्य को शाप सकती हैशाप सकती हैमन्त्री, संतरी और राजा कोरंक को कर सकती है … Read more