लेना-देना | आत्माराम शर्मा लेना-देना | आत्माराम शर्मा लेना-देनापहले बेटी-बहनफिर हो पत्नी अलावा इसकेतुम माँबहूसास भी हो तुम्हारे सम्बोधनतुमने नहीं बनाएतुम्हें दिए गए माँ-बेटी-बहन-बहूएक ऐसा व्यक्तित्वजो बदलता हैजगत-रीत से तुम्हीं अपनी छवियों कोतोड़ती हो – जोड़ती होछवियाँ पूरक हैंएक-दूसरे कीअनंत काल से
Tag: Atmaram Sharma
Posted inPoems
तड़प | आत्माराम शर्मा
Posted inPoems
काश! | आत्माराम शर्मा
Posted inPoems
कुटैव | आत्माराम शर्मा
Posted inPoems