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सुनयना ! तेरे नैन बड़े बेचैन ! | अल्पना मिश्र

सुनयना! तेरे नैन बड़े बेचैन! | अल्पना मिश्र – Sunayana ! Tere nain bade bechen ! सुनयना ! तेरे नैन बड़े बेचैन ! | अल्पना मिश्र आदरणीया दी, कब से यह पत्र लिखना चाह रही थी। बार-बार कुछ स्मृतियाँ, बचपन की स्मृतियाँ कौंधती थीं। उन्हें आपसे पूछने का, सही-सही जानने का मन होता था। बहुत […]