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फूल | एलिस वॉकर

फूल | एलिस वॉकर – Phul फूल | एलिस वॉकर म्योप मुर्गीखाने से सुअरों के बाड़े तक और वहाँ से धुएँ वाले कमरे में फुदकती हुई चली गई – उसको लगा इतने सुहाने दिन उसने पहले कभी नहीं देखे। उत्सुकता भरी हवा चारों ओर पसरी हुई थी जो उसकी नाक में रह रह कर चिकोटी […]