मधुमेह या डायबिटीज़ को पहले उम्र के साथ जोड़ कर देखा जाता था परन्तु वर्तमान में छोटी उम्र के बच्चों तथा युवा लोगों में भी मधुमेह की समस्या देखने को मिल रही है। ऐसे में अब बड़ी संख्या में लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो चुके हैं। शुगर की समस्या वंशानुगत तथा दूषित जीवन शैली दो प्रकार से मानव को अपनी चपेट में लेती है। असल में शरीर की शुगर को ऊर्जा में बदलने का कार्य इंसुलिन करता है लेकिन जैसे ही इन्सुलिन की मात्रा शरीर में कम होती है वैसे ही शुगर की समस्या के लक्षण देखने को मिलने लगते हैं। आज हम यहां आपको कुछ ऐसे ही लक्षणों के बारे में जानकारी दे रहें हैं जो शुगर की समस्या शुरू होते ही दिखाई पड़ने लगते हैं।

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1 – ज़ख़्मों का जल्दी न भरना –

डायबिटिज़ के चलते एक समय के बाद रक्त का संचार (ब्लड सर्कुलेशन) भी प्रभावित होता है, जिसकी वजह से शरीर का घाव जल्दी नहीं भर पाता. इसलिए अगर छोटी से छोटी चोट, घाव, छालों को भरने में समय लगता है, तो यह इस बात की चेतावनी है कि अब आपको अपने डायबिटीज़ को कंट्रोल करना चाहिए।

2 – नज़रें धुंधली होना –

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मधुमेह से ग्रसित लोगों में आजकल डायबिटिक रेटिनोपैथी की शिकायत ज़्यादा देखी जा रही है. जिसमें नज़रें धुंधली होने लगती है और हम इसे अनदेखा करते हैं। रक्त में संचार (ब्लड सर्कुलेशन) की समस्या डायबिटिक लोगों में काफ़ी गंभीर हो सकती है।

3 – पैरों में झुनझुनी महसूस करना –

उँगलियों और टखनों में झुनझुनी होना, इस बीमारी के शुरूआती लक्षणों में से एक है. अगर आपको मधुमेह है और आप झुनझुनी के बाद सुन्नपन और जलन महसूस करते हैं, तो फ़ौरन स्क्रीनिंग टेस्ट करवाएं।

4 – बार- बार और तेज़ भूख लगना –

इंसुलिन की कमी की वजह से शरीर की कोशिकाएं ग्लूकोज को सोख नहीं पाती और शरीर में ऊर्जा की कमी होने लगती है जिस कारण मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति को सामान्य लोगों की अपेक्षा अधिक भूख लगती है।

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5 – अत्यधिक थकान तथा कमजोरी का होना –

इंसुलिन मानव शरीर की शर्करा को ऊर्जा में बदलने का कार्य करता है लेकिन जैसे ही इन्सुलिन का निर्माण होना कम हो जाता है या बंद हो जाता है तो मानव शरीर में थकान या कमजोरी होने लगती है। अतः अत्यधिक थकान या कमजोरी होना भी शुगर की समस्या के शुरूआती लक्षणों में से है।