सखियाँ | अरुण कमल सखियाँ | अरुण कमल माथे पर जल भरा गगरा लिएठमक गई अचानक वह युवती मुश्किल से गर्दन जरा-सी घुमाईदायाँ तलवा पीछे उठायाऔर सखी ने झुक करखींचा रेंगनी काँटा और चल दी फिर दोनों सखियाँमाथे पर जल लिए