राजनीति | हरे प्रकाश उपाध्याय
राजनीति | हरे प्रकाश उपाध्याय

राजनीति | हरे प्रकाश उपाध्याय

राजनीति | हरे प्रकाश उपाध्याय

यह इतना राजनीतिक समय है
जिसमें हर क्रिया राजनीतिक है
मल त्यागने से खाने तक

तुम्हारा मुस्कुराना भी निर्दोष नहीं है बच्चे
उसका भी आशय
कम खतरनाक नहीं लिया जा रहा है
तितली तुम्हारे उस फूल पर बैठने का
सीधा अर्थ यह लिया जा रहा है
कि तुम इस फूल के खिलाफ हो

अब बताइए भला
इतनी राजनीति के बीच
आप कैसे और कब तक
बचेंगें लहूलुहान होने से!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *