प्रस्थान | ऐना अक्म्टोवा
प्रस्थान | ऐना अक्म्टोवा

प्रस्थान | ऐना अक्म्टोवा

प्रस्थान | ऐना अक्म्टोवा

हालाँकि यह धरती मेरी अपनी नहीं है,
मुझे याद रहेगा इसका अंतर्देशीय समुद्र
और जल जो इतना शीतल है
झक्क सफेद रेत
मानो पुरानी हड्डियाँ हों, हैरानी है देवदार के पेड़
वहाँ सुर्ख लाल होते हैं जहाँ सूरज नीचे आता है

मैं नहीं बता सकती यह हमारा प्यार है
या दिन, जो खत्म हो रहा है

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