प्रकाशों की धारा दिवस रजनी नित्य बहतीसभी की आँखों में अदिख छवि लाई मचल केसधे आवर्तों में घिर कर कई प्राण बहकेइन्हीं में रंगों की लहर उमड़ी व्योम-सरि सी।