नीला आकाश कह सकता है | त्रिलोचन प्रेमदबे पाँव चला करता हैजाड़े का सूरजजैसे कुहरे में छिप करआता है साँसों को साध करनयन पथ परलाते हैंआना ही पड़ता है कुहरे मेंउषा कब आईकब चली गईनीला आकाशयदि कहे कह सकता है राग उस परबरसा था