प्रवासी भारतवंशियों के पूर्वजसंस्कृति का खजाना लेकरमजदूरी के लिएसूरीनाम देश आएअपनी बलि चढ़ाकरवे अपनी पहचान बना गएस्मृतियों मेंधरती की मिट्टी मेंनदी के पानी में।