मुर्दे | नरेश सक्सेना मरने के बाद शुरू होता हैमुर्दों का अमर जीवन दोस्त आए या दुश्मनवे ठंडे पड़े रहते हैंलेकिन अगर आपने देर कर दीतो फिरउन्हें अकड़ने से कोई रोक नहीं सकतामजे ही मजे होते हैं मुर्दों के बस इसके लिए एक बारमरना पड़ता है।