लगता है कि जैसे | पंकज चतुर्वेदी
लगता है कि जैसे | पंकज चतुर्वेदी

लगता है कि जैसे | पंकज चतुर्वेदी

एक मीठे स्वीकार से अनुप्राणित 
उस मिलने के बाद 
यह छूँछा बिछोह 
यह सूनी-सूनी-सी 
निष्फल होती-सी लगती 
असंगत-सी बेचैनी 
अनधिकृत-सी प्रतीक्षा

लगता है कि जैसे 
मैं तुम्हारे घर आया हूँ 
और तुम 
दरवाज़ों को खुला छोड़कर 
न जाने कहाँ चली गई हो

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