लड़की
लड़की

मेरे अंदर की
अबोध लड़की
चुपचाप खिसक गई
जाने कहाँ
कविताओं में अपने को
अभिव्यक्त कर पाने में असमर्थ
फूट-फूट कर रो रही हूँ मैं यहाँ!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *