कोलंबस का जहाज | कुँवर नारायण
कोलंबस का जहाज | कुँवर नारायण

कोलंबस का जहाज | कुँवर नारायण

कोलंबस का जहाज | कुँवर नारायण

बार-बार लौटता है
कोलंबस का जहाज
खोज कर एक नई दुनिया,
नई-नई माल-मंडियाँ,
हवा में झूमते मस्तूल
लहराती झंडियाँ।

बाजारों में दूर ही से
कुछ चमकता तो है –
हो सकता है सोना
हो सकती है पालिश
हो सकता है हीरा
हो सकता है काँच…
जरूरी है पक्की जाँच।

जरूरी है सावधानी
पृथ्वी पर लौटा है अभी-अभी
अंतरिक्ष यान
खोज कर एक ऐसी दुनिया
जिसमें न जीवन है – न हवा – न पानी –

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *