जल मेरे भीतर | ए अरविंदाक्षन जल मेरे भीतर | ए अरविंदाक्षन रेगिस्तान का विस्तारबढ़ता है निरंतररेत के भीतररेगिस्तानी साँप का जहरभीषण, भयंकर।मैं रेगिस्तान से वलयितपर जल से भरपूरजल मेरे भीतर