अभी-अभी डूबा है सूर्य
उडूपी के खेतों में
अभी-अभी आयी हैं साँझ
वृक्षों की पुतलियों में
अभी
बिलकुल अभी
हँसे हैं नारियल के दरख़्त
हमारी और देख कर
जैसे लगना चाहते हों गले
जैसे पहचान हो बहुत पुरानी
प्रिये यह दक्षिण है देश का
सुंदर मन भावन
जैसे हाथ हो दायाँ अपने तन का