भोर का तारा | घनश्याम कुमार देवांश भोर का तारा | घनश्याम कुमार देवांश भोर का तारापूरी रात सब साथ रहेसुबह वह छूट गया अकेलाआसमान के एक छोर परमैंने उसे तुम्हारी आखिरी उदास आँखों की तरह देखालाल और खामोश