जाति के लिए | पंकज चतुर्वेदी
जाति के लिए | पंकज चतुर्वेदी

जाति के लिए | पंकज चतुर्वेदी

ईश्वर सिंह के उपन्यास पर 
राजधानी में गोष्ठी हुई 
कहते हैं कि बोलनेवालों में 
उपन्यास के समर्थक सब सिंह थे 
और विरोधी ब्राह्मण

सुबह उठा तो 
अख़बार के मुखपृष्ठ पर 
विज्ञापन था : 
‘अमर सिंह को बचाएँ’ 
और यह अपील करनेवाले 
सांसद और विधायक क्षत्रिय थे

मैं समझ नहीं पाया 
अमर सिंह एक मनुष्य हैं 
तो उन्हें क्षत्रिय ही क्यों बचाएँगे ?

दोपहर में 
एक पत्रिका ख़रीद लाया 
उसमें कायस्थ महासभा के 
भव्य सम्मेलन की ख़बर थी 
देश के विकास में 
कायस्थों के योगदान का ब्योरा 
और आरक्षण की माँग

मुझे लगा 
योगदान करनेवालों की 
जाति मालूम करो 
और फिर लड़ो 
उनके लिए नहीं 
जाति के लिए

शाम को मैं मशहूर कथाकार 
गिरिराज किशोर के घर गया 
मैंने पूछा : देश का क्या होगा ? 
उन्होंने कहा : देश का अब 
कुछ नहीं हो सकता

फिर वे बोले : अभी 
वैश्य महासभा वाले आए थे 
कह रहे थे – आप हमारे 
सम्मेलन में चलिए

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