फूल चंपा के | रजनी मोरवाल फूल चंपा के | रजनी मोरवाल फूल चंपा के बिछुड़कर शाख से,गिर रहे हैं जो हरे दालान में। प्रश्न मन में कौंधता है रोज यहगंध क्या बाकी बची होगी अभी?ये जवाँ कलियाँ चटखकर हैं गिरीया हवा के संग बहकी हैं सभी?टहनियों का ख्वाब थी जो कल तलकइस कदर बिखरी […]
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गाँव से माँजी आई हैं | रजनी मोरवाल
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कंचों वाला बचपन | रजनी मोरवाल
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छत की आस | रजनी मोरवाल
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कीमत-एक उम्र | रजनी मोरवाल
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कहीं और न जाया जाए | रजनी मोरवाल
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