है कथानक सभी का वही | कृष्ण बिहारीलाल पांडेय

है कथानक सभी का वही | कृष्ण बिहारीलाल पांडेय

है कथानक सभी का वही | कृष्ण बिहारीलाल पांडेय है कथानक सभी का वही | कृष्ण बिहारीलाल पांडेय है कथानक सभी का वही दुख भराजिन्दगी सिर्फ शीर्षकबदलती रही जिन्दगी ज्यों किसी कर्ज के पत्र परकाँपती उँगलियों के विवश दस्तखतसाँस भर भर चुकाती रहीं पीढ़ियाँऋण नहीं हो सका पर तनिक भी विगतजिन्दगी ज्यों लगी ओंठ पर … Read more

नदी के खास वंशज | कृष्ण बिहारीलाल पांडेय

नदी के खास वंशज | कृष्ण बिहारीलाल पांडेय

नदी के खास वंशज | कृष्ण बिहारीलाल पांडेय नदी के खास वंशज | कृष्ण बिहारीलाल पांडेय घाट पर बैठे हुए हैं जो सुरक्षितलिख रहे वे नदी कीअंतर्कथाएँ आचमन तक के लिए उतरे नहीं जोकह रहे वे खास वंशज हैं नदी केबोलना भी अभी सीखा है जिन्होंनेबन गए वे प्रवक्ता पूरी सदी केपर जिन्होंने शब्द साधे … Read more

ज्योतिषी जी कह रहे हैं | कृष्ण बिहारीलाल पांडेय

ज्योतिषी जी कह रहे हैं | कृष्ण बिहारीलाल पांडेय

ज्योतिषी जी कह रहे हैं | कृष्ण बिहारीलाल पांडेय ज्योतिषी जी कह रहे हैं | कृष्ण बिहारीलाल पांडेय बहुत अच्छा रहेगा श्रीमान का यह सालऐसा ज्योतिषी जीकह रहे हैं आपका व्यापार फूलेगा फलेगाहर तरफ बस आपका सिक्का चलेगाआप होंगे और भी उदारवादीदेश अब कुछ निजी हाथों में पलेगाशेयरों में अभी होगा और अधिक उछालऐसा ज्योतिषी … Read more

गुणगान की अंत्याक्षरी में | कृष्ण बिहारीलाल पांडेय

गुणगान की अंत्याक्षरी में | कृष्ण बिहारीलाल पांडेय

गुणगान की अंत्याक्षरी में | कृष्ण बिहारीलाल पांडेय गुणगान की अंत्याक्षरी में | कृष्ण बिहारीलाल पांडेय वे अभीनिर्माण चिन्तन में लगे हैंऔर हम गुणगान की अन्त्याक्षरी में सच किसीदरबार सा बाहर खड़ा हैऔर भीतर झूठ मसनद से टिका है,मूल्य रक्षा की ध्वजा के ठीक नीचेआदमी हर चीज सेसस्ता बिका हैमालिकों कीअर्चना में हुआ प्रस्तुतश्रम लिए … Read more

अपना समय लिखा | कृष्ण बिहारीलाल पांडेय

अपना समय लिखा | कृष्ण बिहारीलाल पांडेय

अपना समय लिखा | कृष्ण बिहारीलाल पांडेय अपना समय लिखा | कृष्ण बिहारीलाल पांडेय जब जब खुद कोलिखने बैठे अपना समय लिखाअच्छा नहीं लिखा लेकिन, जो सच थाअभय लिखा बड़े बड़े प्रस्थानचले पर थोड़ी दूर चलेचलते रहे विमर्श मगर निष्कर्ष नहीं निकलेहम क्या अभी आधुनिक होंगे सोच विचारों मेंबन्द किताबों से बाहर हमनिकलें तो पहले … Read more