हैरान थी हिन्दी | दिविक रमेश हैरान थी हिन्दी | दिविक रमेश हैरान थी हिन्दी उतनी ही सकुचाईलजाईसहमी सहमी सीखड़ी थीसाहब के कमरे के बाहरइज़ाजत मांगतीमांगती दुआपी.ए. साहब कीतनिक निगाह की। हैरान थी हिन्दीआज भी आना पड़ा था उसेलटक करखचाखच भरीसरकारी बस के पायदान परसंभाल-संभाल करअपनी इज्जत का आंचल हैरान थी हिन्दीआज भी नहीं जा […]
Divika Ramesa
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