होली बीत गई | अनंत मिश्र होली बीत गई | अनंत मिश्र जैसे सब बीतता हैवैसे बीत गईएक शब्द उठारंगीन फव्वारों पररखे बैलून की तरहरात आते-आतेमशीन बंद हो गईन रंग है, न फव्वारान वह बैलून होली मिठाइयाँ और गुझियों केपच गए अवसाद के स्वाद की तरहखत्म हो गई।मिल आए लोग जिनसे मिलना थामिल लिए लोग […]
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हमारे समय में | अनंत मिश्र
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मकान | अनंत मिश्र
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कृपया धीरे चलिए | अनंत मिश्र
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उपदेश बरक्स चुप्पी | अनंत मिश्र
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