पनहारी | प्रभुनारायण पटेल पनहारी | प्रभुनारायण पटेल संसृति-सृजित कूप परिपूरितजगहित-सलिल सुधा है,कल-कल रव, अतिमंद निनादितज्ञान कूप वसुधा है,रज्जु प्रयत्न प्रति प्रत्यावर्तित,मानव उर शुचि गागर,कूप सलिल भरने को केवलमनुज जिंदगी पनहारी।