अंतरराष्ट्रीय नेल्सन मंडेला दिवस
अंतरराष्ट्रीय नेल्सन मंडेला दिवस

अंतरराष्ट्रीय नेल्सन मंडेला दिवस हर साल 18 जुलाई को मनाया जाता है। यह दिन नेल्सन मंडेला के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिन्हें दुनिया भर में शांति और एकजुटता के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। मंडेला ने दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ एक लंबी और कठिन लड़ाई लड़ी, और अंततः उन्होंने अपने देश के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बनने का सपना देखा। उन्होंने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं, जिनमें से सबसे उल्लेखनीय हैं:

  • 1993 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया
  • दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने
  • रंगभेद को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
  • दुनिया भर में शांति और एकजुटता के लिए एक प्रेरणा बन गए

अंतरराष्ट्रीय नेल्सन मंडेला दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को मंडेला के आदर्शों और मूल्यों के बारे में शिक्षित करना है। यह दिन लोगों को एकजुट होने और उनके समुदायों में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित करने का भी एक अवसर है।

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इस दिन को मनाने के कई तरीके हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • दान देना
  • स्वयंसेवा करना
  • शैक्षिक कार्यक्रमों में भाग लेना
  • मंडेला के बारे में किताबें या लेख पढ़ना
  • मंडेला के विचारों और मूल्यों पर चर्चा करना

अंतरराष्ट्रीय नेल्सन मंडेला दिवस एक महत्वपूर्ण दिन है जो हमें मंडेला के जीवन और कार्यों को याद करने का अवसर देता है। यह हमें यह भी याद दिलाता है कि हम सभी को अपने समुदायों में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए काम करना चाहिए।

नेल्सन मंडेला

नेल्सन मंडेला (18 जुलाई 1918 – 5 दिसंबर 2013) दक्षिण अफ्रीका के एक राजनेता और मानवाधिकार कार्यकर्ता थे. वे 1994 से 1999 तक दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति रहे. मंडेला को रंगभेद के खिलाफ उनके संघर्ष के लिए जाना जाता है, जिसके लिए उन्हें 1993 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

मंडेला का जन्म दक्षिण अफ्रीका के पूर्वी केप प्रांत के म्वेजो गांव में एक थेम्बू परिवार में हुआ था. उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक, विटवाटरस्रांड विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की. पढ़ाई के दौरान ही मंडेला ने दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ लड़ाई लड़ना शुरू कर दिया था.

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1944 में, मंडेला ने अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस (ANC) में शामिल हो गए, जो दक्षिण अफ्रीका का सबसे बड़ा विरोधी राजनीतिक दल था. ANC के साथ, मंडेला ने रंगभेद के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों में भाग लिया. उन्होंने रंगभेद के कानूनों को तोड़ने के लिए भी कई बार जेल गए.

1964 में, मंडेला को रंगभेद के खिलाफ उनके संघर्ष के लिए 27 साल जेल में कैद कर दिया गया. जेल में रहते हुए भी मंडेला ने रंगभेद के खिलाफ लड़ाई लड़ना जारी रखा. उन्होंने जेल के अंदर एक स्कूल और एक पुस्तकालय की स्थापना की. उन्होंने जेल के अंदर ही अपने जीवन की आत्मकथा, “लॉन्ग वॉक टू फ्रीडम” भी लिखी.

1990 में, दक्षिण अफ्रीका के तत्कालीन राष्ट्रपति, डेविड डब्ल्यू क्रुगर ने मंडेला को जेल से रिहा कर दिया. मंडेला की रिहाई दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के अंत का प्रतीक थी.

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1994 में, मंडेला दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति के रूप में चुने गए. उन्होंने अपने राष्ट्रपति पद के दौरान रंगभेद के विरासत को दूर करने और दक्षिण अफ्रीका को एक एकजुट और समतामूलक राष्ट्र बनाने के लिए काम किया.

मंडेला को दुनिया भर में शांति और एकता के प्रतीक के रूप में जाना जाता है. उन्होंने अपने जीवन में रंगभेद के खिलाफ लड़ाई लड़ी और दक्षिण अफ्रीका को एक लोकतान्त्रिक देश बनाया. मंडेला एक प्रेरणादायक व्यक्ति थे, जिन्होंने दुनिया भर के लोगों को एकजुट होने और शांति के लिए काम करने के लिए प्रेरित किया.

मंडेला का निधन 5 दिसंबर 2013 को हुआ था. उनकी मृत्यु पर दुनिया भर में शोक व्यक्त किया गया था. मंडेला को दक्षिण अफ्रीका के सबसे महान नेताओं में से एक माना जाता है.