अकेले में तुम्हारी उपस्थिति | निशांत अकेले में तुम्हारी उपस्थिति | निशांत बियाबाँ मेंएक पेड़ खिंचता है समुद्र में एक डोंगी भीड़ में तुम अकेले मेंतुम्हारी उपस्थिति।