अज्ञातकुलशील | अविनाश मिश्रअज्ञातकुलशील | अविनाश मिश्र
अज्ञातकुलशील | अविनाश मिश्र

अज्ञातकुलशील | अविनाश मिश्र

अज्ञातकुलशील | अविनाश मिश्र

मेरे कपड़ों से मेरे दुख का पता नहीं चलता
और मेरी कविता से मेरी विचारधारा का
मेरे नाम से मेरी जाति का पता नहीं चलता
और मेरी गुमनामी से मेरे पाखंड का
मेरे सारे कपड़े मेरे भाई के दिए हुए हैं
किसी ईश्वर का इसमें कोई योगदान नहीं
मेरी कविता जैसी भी है ईश्वरीय है
किसी विचारधारा का इसमें कोई योगदान नहीं
मेरे नाम में जो कुछ भी खराब है वह विचारधारा की वजह से है
मेरी जाति का इसमें कोई योगदान नहीं
मेरी गुमनामी का सौंदर्य नामचीनों की उदारता है
मेरे पाखंड का इसमें कोई योगदान नहीं

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *