अदरक के औषधीय गुण क्या है जो सभी के लिए उपयोगी है?
अदरक के औषधीय गुण क्या है जो सभी के लिए उपयोगी है?

अदरक प्रकृति द्वारा मानव को दिया एक अद्भुत एवं अतुलनीय उपहार है । संस्कृत में इसे ‘ श्रृंगवेर ‘ कहा ” गया है , जिसका देवता गण भी सेवन करते थे । भारतीय रसोई में अदरक आदि काल से ही मसाले के रूप में मौजद रहा है । इसका प्रयोग मसाले के साथ – साथ औषधि के रूप है में भी आदि काल से होता आया है । शास्त्रों में यह महौषध , विश्वौषध या विश्वा के नाम से भी सुशोभित है । आर्द्रक ‘ यानि ‘ आर्द ‘ अर्थात गीला । नम रहने तक यह अदरक तथा सूखने पर सोंठ बन जाती है । नम रूप में इसकी तासीर ठण्डी व सोंठ रूप में गर्म होती है ।

शक्ति और स्फूर्ति का अनमोल खजाना अदरक भारत में ही नही बल्कि पूरे विश्व में प्रयोग में लिया जाता रहा है । अदरक जमीन में पैदा होने वाला द्रव्य है । चैत्र तथा बैसाख के महिनों में इसकी खेती की जाती है । यह दो । प्रकार का होता है – रेशेदार तथा बिना रेशेदार । इसमें रेशेदार उत्तम होता है । यह देशी अदरक है । चाहे चाय हो , सब्जी हो , आचार हो अथवा औषध में प्रायः अदरक इन सभी में समान रूप से उपयोग में लाया जाता है ।

अदरक में बहत सारे विटामिन्स के साथ – साथ मैग्नीज और कॉपर भी पाए जाते हैं जिनकी शरीर को सुचारु रूप से चलाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है । अदरक कई सारे गुणों की खान है और इसे विभिन्न तरीकों से उपयोग में लाया जा सकता है । आइए अदरक के फायदों पर नजर डालते हैं ।

अदरक के कुछ प्रमुख उपयोग :

मधुमेह रोग के उपचार में –

अदरक को मधुमेह रोग के बचाव और उपचार दोनों । में एक असरकारी औषधि के रूप में आयुर्वेदीय संहिताओं में निर्दिष्ट किया गया है । अदरक के तत्व इंसुलिन के प्रयोग के बिना ग्लूकोज का स्नायु काशिकाआ तक पहचान का – प्रक्रिया बढ़ाते हैं । इस तरह इससे उच्च रक्त शर्करा स्तर ( हाई सुगर लेवल ) को काबू में करने में मदद मिलती है । अदरक मधुमेह से होने वाली जटिलताओं से बचाव करती है । अदरक मधुमेह पीड़ित के लिवर , किडनी और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को सुरक्षित करती है । साथ ही वह इस बीमारी के एक आम दुष्प्रभाव मोतियाबिन्द का खतरा भी कम करती है ।

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हृदयरोगों में लाभकारी –

अदरक सालों से हृदय रोगों के उपचार में इस्तेमाल होती रही है । इसमें उपस्थित तत्व कोलेस्ट्रॉल को कम करने , ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने , रक्त प्रवाह में सुधार लाने और अवरूद्ध धमनियों तथा रक्त के थक्कों से बचाव करने का काम करते हैं । ये सारी चीजें हृदयाघात ( हार्ट अटैक ) और स्ट्रोक के जोखिम को कम करती हैं । ।

केश सम्बन्धी समस्याओं में लाभकारी –

अदरक के जूस का नियमित प्रयोग केश सम्बंधित समस्याओं के निराकरण में उपयोगी है । इसका नियमित प्रयोग बालों को घना और चमकदार बनाता है , अदरक केजूस को सीधे पी भी सकते हैं और सिर की त्वचा पर लगा भी सकते हैं । यह न केवल बालों को स्वस्थ बनाता है । बल्कि यह रुसी की समस्या से भी छुटकारा दिलाता है ।

एक लोकप्रिय पाचक औषधि के रूप में –

अदरक को हजारों सालों से एक पाचक औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है । इसमें उपस्थित वात को दूर करने वाले तत्व पेट की गैस को दूर करके पेट फूलने और उदर वायु की समस्या से बचाव करते हैं । साथ ही पेट में मरोड़ को ठीक करने वाले इसके तत्व मांसपेशियों को आराम पहुंचाते हुए अजीर्णता में राहत पहुंचाते हैं ।

भोजन के प्रति अरुचि / क्षुधानाश को दूर करने हेतु-

भोजन से पहले काला नमक छिडक कर अदरक क टुकड़े खाने से भोजन के प्रति अरुचि दूर होता ह साथ मुख में अधिक लार बनने से भख बढ़ती है तथा भारा भोजन को पचाने में मदद मिलती है । भोजन से पहले अदरक का सेवन पेट की अन्य समस्याओं से बचाव करता है ।

मितली और उल्टी से बचाव हेतु –

गर्भवती स्त्रियों में मॉर्निंग सिकनेस , सफर पर रहने वाले लोगों में मोशन सिकनेस और कीमोथैरेपी के मरीजों में भी मितली की समस्या में अदरक का प्रयोग राहत प्रदान करता है । कीमोथैरेपी के दौरान वमन रोकने वाली दवाएं दिए जाने के बावजूद 70 फीसदी मरीजों को मितली की परेशानी होती है । रोजाना कीमो से पहले आधा से एक ग्राम अदरक का सेवन करने पर मरीजों में तेज मितली की गंभीरता काफी हद तक कम करने में मदद मिलती हूँ । अदरक का सेवन चक्कर आने के साथ आने वाली मितली को भी कम करने में मदद करता है ।

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जोड़ों के दर्द और आर्थराइिटस में अदरक का प्रयोग –

अदरक में जिंजरोल नामक एक बहत असरदार तत्त्व उपस्थित होता है जो जोडों और मांसपेशियों के दर्द का कम करता है । अदरक का प्रयोग गंभीर आर स्था इंफ्लामेटरी रोगों के उपचार में भी करना चाहिए । गठिय शुरुआती चरणों में यह खास तौर पर असरकारी होता है । ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीडित बहत से मरीजों का नियमित तौर पर अदरक के सेवन करने से दर्द कम होता है और रोगी को बेहतर गतिशीलता का अनुभव होता है ।

अदरक कसरत से होने वाले सूजन और मांसपेशियों के दर्द को भी कम करती है । अदरक का रोजाना इस्तेमाल , कसरत से होने वाले मांसपेशियों के दर्द में 25 फीसदी तक राहत देता है ।

माइग्रेन ( सिरदर्द ) में होने वाली पीड़ा के उपचार हेतु –

अदरक माइग्रेन के कारण होने वाले सिरदर्द में राहत देती है । माइग्रेन के लक्षणों के उपचार में अदरक पाउडर माइग्रेन की आम दवा सुमाट्रिप्टन जितना ही असरदार है । माइग्रेन का हमला शुरु होते ही अदरक की चाय पीने से प्रोस्टेग्लैंडिन नामक हार्मोन का प्रभाव कम होकर सिर में होने वाले असहनीय दर्द में राहत मिलती है । इससे माइग्रेन से जुड़ी उबकाई और चक्कर की समस्याएं भी नहीं होती ।

मासिक धर्म की पीड़ा को कम करने हेतु –

अदरक का प्रतिदिन प्रयोग डिस्मेनोरिया अर्थात पीड़ादायक मासिक धर्म से जुड़े दर्द को भी काफी हद तक कम करता है । अदरक के तेल का प्रयोग जोड़ों तथा पीठ के दर्द में काफी असरकारी है ।

श्वास की समस्याओं और दमा के उपचार में –

श्वांस संबंधी समस्याओं के उपचार में अदरक का प्रयोग सकारात्मक परिणाम देने वाला होता है । अदरक का प्रयोग दो प्रकार से दमा के उपचार में लाभदायक है । पहला हवा के मार्ग की मांसपेशियों को संकुचित करने वाले एंजाइम को अवरूद्ध करते हुए और दूसरे हवा के मार्ग को आराम पहुंचाने वाले दूसरे एंजाइम को सक्रिय करते हुए अर्थात अदरक का प्रयोग हवा के मार्ग के अवरोध को दूर करते हुए गले की जकड़न में भी आराम देता है ।

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सर्दी – खांसी के उपचार हेतु –

अदरक प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है । जिससे यह सर्दी – खांसी तथा फ्लू का जाना – माना उपचार है । ऊपरी श्वास मार्ग के संक्रमण में आराम पहुंचाने के कारण यह खांसी , खराब गले और ब्रोंकाइटिस में भी काफी असरकारी होती है ।

एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट के रूप में –

अदरक में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो लिपिड पेरोक्सिडेशन और डीएनए क्षति को रोकती है ।

एंटीऑक्सीडेंट बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि वे फ्री रेडिकल्स के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करते हैं । अदरक के नियमित प्रयोग से उम्र के साथ आने वाली तमाम तरह की बीमारियों जैसे कैंसर , हृदय रोग , मधुमेह , आर्थराइटिस , अल्जाइमर्स और बाकी रोगों से बचाव में मदद मिलती है ।

ध्यान देने योग्य बातें : दो साल से कम उम्र के बच्चों को अदरक नहीं दी जानी चाहिए । आम तौर पर , वयस्कों को एक दिन में 4 ग्राम से ज्यादा अदरक नहीं लेनी चाहिए । इसमें खाना पकाने में इस्तेमाल किया जाने वाला अदरक शामिल है ।

गर्भवती स्त्रियों को 1 ग्राम रोजाना से अधिक नहीं लेना चाहिए । अदरक की चाय रोजाना दो से तीन बार पी सकते हैं । अत्यधिक सूजन को कम करने के लिए रोजाना प्रभावित क्षेत्र पर कुछ बार अदरक के तेल से मालिश करना चाहिए । अदरक खून पतला करने वाली दवाओं सहित बाकी दवाओं के साथ परस्पर प्रभाव कर सकती है । अदरक का इस्तेमाल बेहद आसान और फायदों से भरपूर है । परेशानी नई हो या बहुत पुरानी – इसके अचूक गुण आपको निश्चित तौर पर स्वस्थ रखने का काम बखूबी निभाते हैं ।

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