आग भी बनाई हमने | आरती
आग भी बनाई हमने | आरती
कितना कुछ बना लिया हमने
आग भी
एक डिब्बी में कैद कर लिया है उसे
सब कुछ खाक कर सकती है जो
इस तरह अविजित हुए
चाँद पर गए हम
मंगल में भी खोज जारी है
नहीं नहीं… आग नहीं
मेरे सामने एक राख की ढेरी पड़ी है
कलाम साहब! क्या कोई ऐसी मशीन बनाई हैं हमने
जो इस ढेरी को फिर से बदल सके
दोपहर की नींद के बाद वाली
जम्हाई में