ये लोग | नरेश सक्सेना तूफान आया थाकुछ पेड़ों के पत्ते टूट गए हैंकुछ की डालेंऔर कुछ तो जड़ से ही उखड़ गए हैं इनमें से सिर्फकुछ ही भाग्यशाली ऐसे बचेजिनका यह तूफान कुछ भी नहीं बिगाड़ पाया वे लोग ठूँठ थे।