गठरी लोटा जीवन सारा | आभा बोधिसत्व गठरी लोटा जीवन सारा | आभा बोधिसत्व इस धरती पर न कोई किसी से बड़ा है न छोटा है हर मनुष्य केवल और केवल साँस भरी गठरी है या जल से भरा लोटा है।