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वे कभी नहीं जान पायेंगे

वे कभी नहीं जान पायेंगे कि रात को क्या हुआ जबतुम देह को सहलाते अँधेरे में पनाह ले रहे थेजब कि खिड़की में सड़क आसमान तकपसरी पड़ी थीऐसी कोई राह नहीं थी जो ब्रह्मांड के भूलभुलैये मेंछोटी गली ना पकड़ती होछालों से भरे उनके दैविक पदचिह्न बर्फ पर फिसल रहे थेऔर मस्त्य अपने को दलदली […]