फूला-सुंता नाचने के लिए खड़ी हुईं। आँगन सबकी भीड़ से कस गया। पाछे हटा, पाछे हटा, कहके अरुन की अम्मा ने भीड़ को नियंत्रित किया। बिनय चाचा की बारात विदा हुए अभी मुश्किल से घंटा भर हुआ है। दूल्हे की जीप में गाँव के बाग के दो चक्कर गाँव की बहुओं ने भी लगाए। ड्राइवर […]
Savita pathak
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बॉडी लैंग्वेज
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नीम के आँसू
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