यहाँ कमलनी खिलती है | मृदुला गर्ग – Yahan Kamalani Khilati Hai यहाँ कमलनी खिलती है | मृदुला गर्ग वीराने में दो औरतें मौन बैठी थीं। पास-पास नहीं, दूर; अलग, दो छोरों पर असंपृक्त। एक नजर देख कर ही पता चल जाता था कि उनका आपस में कोई संबंध न था; वे देश के दो […]
Mridula Garg
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बाल गुरु | मृदुला गर्ग
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बेंच पर बूढ़े | मृदुला गर्ग
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