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रियायत | ईमान मर्सल

रियायत | ईमान मर्सल रियायत | ईमान मर्सल तुम्हें हर महीने तनख्वाह मिलती है क्योंकि राज्य अभी वजूद में हैऔर जब तक तुम्हारी अवसाद भरी आँखों में सूरज हलचल करता रहेगाकुदरती कूड़ों की तफ्सील बयान करने के बहाने तुम्हें मिलते रहेंगेइस तरह तुम ऐतिहासिक क्षणों में प्रवेश करती हो, उनके जुराबों के जरिए रियायतों से […]