आखिरी तिनका | गुलज़ार सिंह संधू – Aakhiri Tinaka आखिरी तिनका | गुलज़ार सिंह संधू पतझड़ के दिन थे। नई फसल की बोआई शुरू हो चुकी थी। मुर्गे की पहली बाँग ने चन्दन की आँख खोल दी। वैसे भी उसे झपकी आये अभी आध-पौन घंटा ही हुआ था। कई दिनों से उसे अच्छी तरह नींद […]