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स्थगित समय में | अमरेंद्र कुमार शर्मा

स्थगित समय में | अमरेंद्र कुमार शर्मा स्थगित समय में | अमरेंद्र कुमार शर्मा 1 मेरे समय मेंरचती हो तुम अपने समय का ईश्वरहीन बसंत 2 तुम्हारे समय मेंअनार के पौधे की हरियालीऔर उड़हुल के फूल की ललाई कानहीं है कोई रचना विधानरात और दिन के अंतर की कोई गंध नहींचिड़ियों की कुहक का कोई […]