यह अकाल इंद्र धनुष | देवेंद्र कुमार बंगाली
यह अकाल इंद्र धनुष | देवेंद्र कुमार बंगाली

यह अकाल इंद्र धनुष | देवेंद्र कुमार बंगाली

यह अकाल इंद्र धनुष | देवेंद्र कुमार बंगाली

चलो चलें, हो लें! धनखरियों के देश
       धान-परियों के देश।

    आगे-आगे पछुवा
    पीछे पुरवाई
    बादल दो बहनों के
    बीच एक भाई
बरखा के बन तड़ित-मछरियों के देश
       जल-लहरियों के देश।।

See also  माइग्रेन | ईमान मर्सल

    घिर आया धरती का
    रंग आसमानी
    गेंहुवन-सा ठनक रहा
    सरिता का पानी
पानी पर लोटती गगरियों के देश
       जल गगरियों के देश।।

    धूप-पथ डाल गया
    दिन का हरकारा
    यह अकाल इंद्रधनुष
    आगमन तुम्हारा
आम के बहाने मंजरियों के देश
        गिलहरियों के देश।।

See also  सस्पेंस | प्रेमशंकर मिश्र

चलो चलें, हो लें! धनखरियों के देश
        धान-परियों के देश।

Leave a comment

Leave a Reply