वजूद | आरसी चौहान
वजूद | आरसी चौहान

वजूद | आरसी चौहान

वजूद | आरसी चौहान

कितना ही
कितना ही खारिज करो
साहित्य विशेषज्ञों –
लेकिन
याद करेंगे लोग मुझे
अरावली पहाड़ सा
घिसा हुआ।

See also  गंगा की विदाई | माखनलाल चतुर्वेदी

Leave a comment

Leave a Reply