सर्दियों मेंनीचे कोई रोता हैसीलन की तरह उसकी आवाजशहरों का हिस्सा है गर्म बिस्तर परजब सारी अच्छी किताबेंएक-एक कर दिमाग में आती हैंबाहर निकलने का मन नहीं करता उसकी आवाज आती रहती हैपीने के पानी को और ठंडा करती हुईऔर इस सारे संसार को।