हवा में लहराता तिरंगापूछ रहा है मुझसेआखिर कब तकढोऊँगा मैंइन रंगों भार ?कब तक फहराऊँगा मैंयूँ ही निरर्थक ?कब ? आखिर कब ?समझोगे तुमइन रंगों का महत्व ?