“क्यों इतना काम करते हो?” “परिवार के लिए…!” “जो भी कमाते हो हमारे परिवार के लिए काफी है। “शीना मैं तुमको बहुत सुखी और हँसता मुस्कुराता देखना चाहता हूँ।” “मैं खुश रहूँगी जब तुम ये लैपटॉप और उसका काम ऑफिस में छोड़ कर आया करोगे।” “अरे यार कैसी बात करती हो? ये ऑफिस का थोड़े […]
Tag: Zakia Zuberi
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सीप में बंद घुटन
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मेरे हिस्से की धूप
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बाबुल मोरा
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बेचारी ईडियट
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ढीठ मुस्कुराहटें
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