सूरज के घोड़े इठलाते तो देखो नभ में आते हैंटापों की खटकार सुनाकर तम को मार भगाते हैंकमल-कटोरों से जल पीकर अपनी प्यास बुझाते हैंसूरज के घोड़े इठलाते तो देखो नभ में आते हैं।
Vrindavan Lal Verma
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आगे चले चलो
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सच्चा धर्म
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शाहजादे की अग्निपरीक्षा
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शेरशाह का न्याय
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रिहाई तलवार की धार पर
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रामशास्त्री की निस्पृहता
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