तो हजरत इसे कहानी समझने की भूल हरगिज भी मत कीजिएगा। पन्नों पर स्क्रिप्ट दर स्क्रिप्ट पार होती बाकायदा एक फिल्म है यह। निहायत ही पिटी हुई, घिसी हुई थीम वाली, और बहुत बहुत पहले की रिलीज हो चुकी फिल्म। फिल्म दरअसल शहर के ही दो स्कूलों से आरंभ होती है, देशबंधु विद्यालय (बालिका) और देशबंधु […]