सोने की खदानों की खोज में

सोने की खदानों की खोज में

हम उन लोगों के बीच रहते हैंजो हमेशा सोने की खदानों की खोज मेंलगे रहते हैं पुराने संग्रहालयों में तलाशते रहते हैंखजाने का नक्शा वे उन दुर्गम जगहों पर आसानी सेपहुँच जाते हैं जहाँ सामान्यतः जानाहोता है कठिन वे खोदते रहते हैं जमीनतोड़ते रहते हैं पहाड़ समुद्र की अतल गहराइयों मेंपीतल के घड़े में रक्खे … Read more

सिर पर हरी घास का गट्ठर लिए

सिर पर हरी घास का गट्ठर लिए

सिर पर हरी घास का गट्ठर लिए स्त्रियाँसड़क से गुजर रही हैं यह व्यस्त सड़क हैएक मिनट में यहाँ से दर्जनों गाड़ियाँगुजर जाती हैं उनके शोर के बीच मंथर मंथरचलती हैं स्त्रियाँसिर पर हरी घास का पहाड़ लिएवे उड़ रही हैं उनका इधर से आना अच्छालगता हैवे हमारे दिनों को ताजा और हराबनाए हुए हैं … Read more

लोहे का बैल

लोहे का बैल

उनके पास बैलों की तीन जोड़ीहलवाहे जुआठे और कुदालें थीं जब वे खेत की तरफ जातेउनके गले में बज उठती थीघंटियाँलोग तन्मय होकर सुनते थेहवा में बजता था संगीत एक दो मरकहे बैल थे उनके पासआते जाते लोगों को हुरपेट देते थेऔर पगहा तुड़ा कर भागते थे उनको लेकर गाँव में होती थीहँसी-दिल्लगी कुछ दिन … Read more

राष्ट्रपति के कारण ये घोड़े महान हैं

राष्ट्रपति के कारण ये घोड़े महान हैं

मुझे घोड़े अच्छे लगते हैंवे अपनी पीठ पर पुराने दिनों कोलादकर जिंदगी की पथरीली सड़क परबेलाग दौड़ते हैंउन्हें दूर से देखकर पाता हूँ कि वेमेरी स्मृति के करीब हैं वे मेरे न भूलने वाले दिनों मेंमेरे साथ दौड़ते थे घोड़े चारागाहों में कमऔर उससे कम अस्तबलों में हैंजो बचे हुए हैं वेबारी बारी राष्ट्रपति की … Read more

मेला

मेला

जब मैं छोटा थाअक्सर चलते हुए थक जाता थादादा मुझे कंधे पर बैठाकर घुमाते थे एक दिन कंधे पर बिठाकरनदी पुल जंगल पार करते हुएमेले में ले गएउनके सुरक्षित कंधे परमैं चिड़िया की तरह फुदकता थासीवान में आते जाते मेलहा को देखता था मेले में पहुँचते ही शुरू हो गई थीहज-हज खिलौनें और मिठाइयों की … Read more

मेले

मेले

उजड़ते जा रहे हैं मेले यहाँ पिपहिरी की आवाज नहीसुनाई पड़तीबजते नही ढोल और मँजीरेनट नही दिखाते जादूगर दिल्ली की तरफचले गए हैं मेले में बैठे दुकानदारों मेंआ गई है क्रूरताग्राहकों के साथ अचानक बदलगया है उनका व्यवहार मेले में कोई बच्चारोटी बनाती हुई अपनी दादी केहाथ जल जाने की चिंता मेंनही खरीदता चिमटा उनकी … Read more

बाँसुरी

बाँसुरी

मैं बाँस का एक टुकड़ा थातुमने मुझे यातना दे करबाँसुरी बनाया मैं तुम्हारे आनंद के लिएबजता रहाफिर रख दिया जाता रहाघर के अँधेरे कोने में जब तुम्हें खुश होना होता थातुम मुझे बजाते थे मेरे रोम रोम में पिघलती थींतुम्हारी साँसेंमैं दर्द से भर जाया करता था तुमने नुझे बाँस के कोठ सेअलग कियाअपने ओठों … Read more

बारिश

बारिश

एक दिन मैं तुम्हेंभीगता हुआ देखना चाहता हूँप्रिये बारिश हो और हवा भी हो झकझोरतुम जंगल का रास्ता भूलकरभीग रही हो एक निचाट युवा पेड़ की तरहतुम अकेले भीगोमैं भटके हुए मेघ की तरह तुम्हें देखूँतुम्हें पता न चले किमैं तुम्हें देख रहा हूँ फूल की तरह खिलते हुएतुम्हारे अंग अंग को देखूँऔर मुझे पृथ्वी … Read more

बस स्टैंड पर एक औरत

बस स्टैंड पर एक औरत

बस स्टैंड पर खड़ी हैबस का इंतजार करते हुए एक औरतवह बार बार देखती है घड़ीजिसमें सरक रहा है समय उसे घर पहुँचने की जल्दी हैऔरत की गोद में एक बच्चा हैकिलकारी मार कर हँसता हुआअपनी माँ की बचैनी से बेखबर भीड़ और शोर के बीच खड़ी हुई औरतसड़क पर देखती हुई हर आहट परचौकन्नी … Read more

परिंदे कम होते जा रहे हैं

परिंदे कम होते जा रहे हैं

परिंदे कम होते जा रहे हैंशहरों में तो पहले नहीं थेअब गाँवों की यह हालत है किजो परिंदे महीने भर पहलेपेड़ों पर दिखाई देते थेवे अब स्वप्न में भी नही दिखाई देते सारे जंगल झुरमुटउजड़ते जा रहे हैंकहाँ रहेंगे परिंदे शिकारी के लिए और भी सुविधा हैवे विरल जंगलों में परिंदों कोखोज लेते हैं घोंसले … Read more