उसे लगा प्रधानमंत्री से मिलने के अलावा कोई और चारा नहीं रह गया है और उसने प्रधानमंत्री से मिलने का निश्चय कर लिया। यह कोई गलत बात नहीं थी। वह देश का नागरिक था और देश का नागरिक होने के नाते, जिसने कई मर्तबा संसदें बनाने में हिस्सेदारी निभाई थी, उसे प्रधानमंत्री से मिलने का […]
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रोटी की महक
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जमूरे के लिए विनम्र सम्मान के साथ
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